अन्य राज्यों में दिख रही है सीएम धामी की लोकप्रियता की झलक, आज फिर मिशन 400 पार पर हरियाणा में होंगे धामी

धामी की देशभर में डिमांड : सुबह देहरादून में अधिकारियों के साथ चार धाम यात्रा सहित अन्य व्यवस्थाओं की फिर मॉनिटरिंग व दोपहर मे फरीदाबाद और गुरुग्राम मे भाजपा के लिये करेंगे प्रचार

युवाओं और महिलाओं के लिए ऐतिहासिक निर्णयों से सीएम धामी की बनी राष्ट्रव्यापी छवि आज फरीदाबाद और गुरुग्राम मे भाजपा के लिये करेंगे प्रचार,

अन्य राज्यों में दिख रही है सीएम धामी की लोकप्रियता की झलक, आज फिर मिशन 400 पार पर हरियाणा में होंगे धामी


अपने कठोर निर्णयों और स्वच्छ छवि के लिए जन-जन में प्रसिद्ध हैं सीएम धामी, आजकल एक तरफ प्रचार दूसरी तरफ राज्य के मुख्य सेवक का कर्तव्य बिना रुके बिना थके निभा रहे हैं धामी

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देशभर में लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के पसंदीदा युवा नेताओं की सूची में शुमार है … धामी लगातार विभिन्न राज्यों में स्टार प्रचारक की भूमिका में जनसभाएं कर रहे हैं .. इसी क्रम में मुख्यमंत्री धामी आज फरीदाबाद और गुरुग्राम मे भाजपा के सांसद प्रत्याशियों के लिए जनता से वोट मांगते नजर आएंगे…. बता दे कि पुष्कर सिंह धामी पिछले 30 दिनों से भाजपा के सांसद प्रत्याशियों के लिए अन्य राज्यों में जाकर ताबड़तोड़ प्रचार प्रचार, जनसभाये व रोड शो कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में चल रही महत्वपूर्ण चारधाम यात्रा स्वयं नज़र नजर रखे हुए हैं ओर लगातार अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं… इसी के चलते आज फिर मुख्यमंत्री धामी फरीदाबाद और गुरुग्राम मे भाजपा के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगते हुए जनसभाएं और रोड शो करते नजर आएंगे ..वही इससे पहले
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सांय सचिवालय में प्रदेश में संचालित चार धाम यात्रा, पेयजल एवं विद्युत आपूर्ति व्यवस्थाओं के साथ ही वनाग्नि की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रबंधन की मुख्य सचिव के सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ समीक्षा की
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा व्यवस्थाओं से जुडे अधिकारियों के साथ निरंतर समन्वय बनाते हुए तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुखद एवं सुरक्षित बनाये जाने के प्रयास किये जाएं..
उन्होंने कहा कि देवभूमि में आने वाले श्रद्धालुओं को सभी आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य होना चाहिए..
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। जिस तेजी से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है, हम सबका दायित्व है कि यात्रा को सुगम और सरल बनाने में सभी मिलकर सहयोगी बनें। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने में राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों से जुड़े सभी जनपद यात्रा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए समन्वय के साथ कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने शासन और पुलिस के अधिकारियों को पुनः निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा से सबंधित जो भी आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए जिला प्रशासन से अनुरोध किया जाता है, उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाए। चारधाम यात्रा के लिए भीड़ प्रबंधन का विशेष ध्यान रखे जाने के साथ यह सुनिश्चित किया जाए कि चारों धामों में श्रद्धालुओं की जो संख्या निर्धारित की गई है, उसके अनुसार ही श्रद्धालुओं को भेजा जाए। बिना रजिस्ट्रेशन के जो श्रद्धालु उत्तराखण्ड की सीमा के अन्दर प्रवेश कर चुके हैं, वे चारों धामों के अलावा राज्य के अन्य धार्मिक एवं पर्यटक स्थलों के लिए जाना चाहते हैं, तो उन्हें वहां भेजे जाने के भी प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा सभी अधिकारी ग्राउंड में जाकर श्रद्धालुओ से फीडबैक भी लें ताकि समय रहते छोटी कमियों को भी दूर किया जाए
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रीष्मकाल को ध्यान में रखते हुए पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। चारधाम यात्रा में भी पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। पेयजल से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर पेयजल व्यवस्थाओं को देखें। जिन क्षेत्रों में पेयजल की कमी है, टैंकरों और अन्य माध्यमों से पेयजल व्यवस्था की जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रदेश में पर्याप्त विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। इसके लिए तीनों निगम यूपीसीएल, यूजेवीएनएल और पिटकुल आपसी समन्वय के साथ कार्य करें। राज्य में विद्युत की मांग के अनुसार आपूर्ति की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिये है।
मुख्यमंत्री ने वनाग्नि को रोकने के लिये जन जागरूकता पर भी ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिये सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गई है। सभी सचिव संबंधित जनपदों में जाकर वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण करें और वनाग्नि को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठायें। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाये जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाय। वनाग्नि को रोकने के लिए रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाय।

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